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Maithili Deshbhakti Kavita - मिथिले - मैथिलि देशभक्ति कवितायेँ

Maithili Deshbhakti  Kavita मिथिले   मैथिलि देशभक्ति कवितायेँ बाबा नागार्जुन (यात्री) की मैथिलि कविता

प्रेरणा - यात्री की मैथिलि कविता

प्रेरणा मैथिलि देशभक्ति कवितायेँ बाबा नागार्जुन (यात्री) की मैथिलि कविता

नवतुरिए आबओ आगाँ - यात्री मैथिलि कविता

नवतुरिए आबओ आगाँ.. मैथिलि देशभक्ति कवितायेँ बाबा नागार्जुन (यात्री) की मैथिलि कविता

भारत माता - यात्री की मैथिलि कविता | Maithili Poems | Maithili Kavita

भारत माता मैथिलि देशभक्ति कवितायेँ बाबा नागार्जुन (यात्री) की मैथिलि कविता  कियै टूटल जननि! धैर्यक सेतु? कानि रहलहुँ अछि, अरे! की हेतु? अहा! जागल आइ कटु-स्मृति कोन? जाहिसँ भै गेल व्याकुल मोन?   विश्वभरिमे विदित नाम अहाँक! कान्तियो नयनाभिराम अहाँक! केहन उज्ज्वल मा! अहाँक अतीत भेलहुँ अछि पुनि कोन भयसँ भीत?   जलधि-वसने! हिम-किरीटिनि देवि! तव चरण-पंकज युगलकेँ सेवि, लोक कहबै अछि अरे! तिहुँ लोक! अहीं केँ चिन्ता, अहीकेँ शोक!!   कहू जननी कियै नोर बहैछ छाड़ि रहलहुँ अछि कियै निःश्वास? कोन आकस्मिक विषादक हेतु भै रहल अछि मूँह एहन उदास?  - यात्री मैथिलि देशभक्ति कवितायेँ भारत माता पर मैथिलि देशभक्ति कविता