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Vidyapati Poems in Maithili & Hindi | विद्यापति की कविता | शिव नचारी Lyrics

क्या आप ' मैथिल कवि कोकिल ' विद्यापति की प्रसिद्ध मैथिली कविताएँ खोज रहे हैं? इस लेख में, हम उनकी सबसे प्रशंसित रचनाओं में से एक, एक ' शिव नचारी ' (Shiv Nachari), को उसके मूल गीतों (lyrics) के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं। इस मैथिली कविता के पीछे के गहरे भाव को आसानी से समझने के लिए, हम इसका सरल हिन्दी भावार्थ (Hindi Meaning) भी प्रदान कर रहे हैं। एत जप-तप हम की लागि कयलहु, कथि लय कयल नित दान। हमर धिया के इहो वर होयताह, आब नहिं रहत परान। नहिं छनि हर कें माय-बाप, नहिं छनि सोदर भाय। मोर धिया जओं ससुर जयती, बइसती ककरा लग जाय। घास काटि लऔती बसहा च्रौरती, कुटती भांग–धथूर। एको पल गौरी बैसहु न पौती, रहती ठाढि हजूर। भनहि विद्यापति सुनु हे मनाइनि, दिढ़ करू अपन गेआन। तीन लोक केर एहो छथि ठाकुर गौरा देवी जान। कवि परिचय: विद्यापति कवि विद्यापति (जन्म लगभग 1352-1448) एक महान मैथिली कवि और संस्कृत विद्वान थे, जिन्हें आदरपूर्वक 'मैथिल कवि कोकिल' (मिथिला का कोयल) कहा जाता है। वे विशेष रूप से राधा-कृष्ण के प्रेम वर्णन और भगवान शिव को समर्पित अपने भावपूर्ण 'नचारी' गीतों के ...

भारत माता: बाबा नागार्जुन 'यात्री' की प्रसिद्ध मैथिलि कविता | Bharat Mata Poem by Nagarjun (Yatri)

भारत माता: बाबा नागार्जुन 'यात्री' की प्रसिद्ध मैथिलि कविता | Bharat Mata Poem by Nagarjun बाबा नागार्जुन (यात्री) की मैथिलि कविता  कियै टूटल जननि! धैर्यक सेतु? कानि रहलहुँ अछि, अरे! की हेतु? अहा! जागल आइ कटु-स्मृति कोन? जाहिसँ भै गेल व्याकुल मोन? विश्वभरिमे विदित नाम अहाँक! कान्तियो नयनाभिराम अहाँक! केहन उज्ज्वल मा! अहाँक अतीत भेलहुँ अछि पुनि कोन भयसँ भीत?   जलधि-वसने! हिम-किरीटिनि देवि! तव चरण-पंकज युगलकेँ सेवि, लोक कहबै अछि अरे! तिहुँ लोक! अहीं केँ चिन्ता, अहीकेँ शोक!! कहू जननी कियै नोर बहैछ छाड़ि रहलहुँ अछि कियै निःश्वास? कोन आकस्मिक विषादक हेतु भै रहल अछि मूँह एहन उदास?  - यात्री मैथिलि देशभक्ति कवितायेँ भारत माता पर मैथिलि देशभक्ति कविता कवि परिचय: बाबा नागार्जुन 'यात्री हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम कवि बाबा नागार्जुन का वास्तविक नाम वैद्यनाथ मिश्र था। मैथिली साहित्य में वे अपने उपनाम 'यात्री' से प्रसिद्ध हुए। उनका जन्म 1911 में बिहार के मधुबनी जिले के तरौनी गाँव में हुआ था। उन्हें "जनकवि" (जनता का कवि) के रूप में जाना जाता है क्यों...