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पसेनाक गुण-धर्म - वैद्यनाथ मिश्रा "यात्री"

पसेनाक गुण-धर्म

वैद्यनाथ मिश्रा "यात्री" मैथिलि कविता 

Nagaarjun "Yatri" Maithili Poems

पसेनाक गुण-धर्म / यात्री

क्षार-अम्ल
विगलनकारी, दाहक
रेचक, उर्वरक...
रिक्शाबलाक पीठ दिशुका फाटल तार-तार बनियाइन
पसेनाक अधिकांश गुण धर्मकेँ
कए रहल अछि प्रमाणित
मोन होइए हमरा
विज्ञानक कोनो छात्रसँ जा कँए पुछिअइन-
बेशी सँ बेशी की सभ होइत छइक
पसेनाक गुण-धर्म!
रिक्शाबलाक पोठक चाम
आओर कते शुष्क श्याम हेतइ?
स्नयुतंतुक ऊर्जा आओर कते धरकतइ?
एहि नरवाहनक प्राणशक्ति आओर कते सिद्ध हेतइ?
आओर कत्ते
क्षार- अम्ल, दाहक - विगलनकारी...  

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