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दुलहिन धीरे-धीरे चलियौ: पारंपरिक मैथिली विवाह गीत (Lyrics & Meaning) | Mithila Vivah Geet

मिथिला की संस्कृति, यहाँ के लोकगीत और यहाँ की मिठास पूरी दुनिया में अद्वितीय है। विवाह संस्कार में जब नई नवेली दुल्हन (दुलहिन) ससुराल की गलियों में कदम रखती है, तो यह गीत 'दुलहिन धीरे-धीरे चलियौ' (Dulhin Dhire Dhire Chaliyau) एक मीठी हिदायत और स्वागत के रूप में गाया जाता है। 'दुल्हा धीरे-धीरे चल्यो' जैसे गीत इन्ही पारंपरिक रस्मों की शोभा बढ़ाते हैं। जिस प्रकार महाकवि विद्यापति ने मैथिली साहित्य को ऊंचाइयों पर पहुँचाया, उसी प्रकार हमारे पारंपरिक विवाह गीतों ने हमारी संस्कृति को जीवित रखा है। नीचे इस प्रसिद्ध गीत के लिरिक्स, हिंग्लिश अनुवाद और पीडीएफ डाउनलोड लिंक दिए गए हैं। Maithili Lyrics: Dulhin Dhire Dhire Chaliyau दुलहिन धीरे-धीरे चलियौ ससुर गलिया, दुलहिन धीरे-धीरे चलियौ ससुर गलिया। ससुर गलिया हो, भैंसूर गलिया, दुलहिन सासु सँ बोलियौ मधुर बोलिया। दुलहिन धीरे-धीरे चलियौ ससुर गलिया। मधुर बोलिया हो, अनार कलिया, मधुर बोलिया हो, अनार कलिया। दुलहिन ननदि के दियौ हजार डलिया, दुलहिन धीरे-धीरे चलियौ ससुर गलिया। हजार डलिया हो, गुलाब कलिया, हजार डलिया हो, गुल...